Stop Eating Meat
Bible :
परमात्मा ने हम मनुष्यों के खाने के लिए फलदार वृक्ष तथा बीजदार पौधे दिए हैं, मांस खाने का आदेश नहीं दिया। पवित्र बाइबल में उत्पत्ति 1:29 पर फिर परमेश्वर ने कहा सुनो जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर है और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं वे सब मेंने तुम को दिए हैं वह तुम्हारे भोजन के लिए हैं।
कभी सोचा है कि, अगर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति होती, तो सबसे पहले मांसाहारी जानवरों को होती, जो केवल मांस ही खाते हैं।
मांस खाकर आप परमात्मा के बनाएं विधान को तोड़कर परमात्मा के दोषी बन रहे हो। ऐसा करने वाले को नर्क में डाला जाता है।
जीव हिंसा करे,प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है। एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव परमात्मा की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति कैसे होगी? जब इंसान अपने बच्चे को नही मार सकता तो इस सभी जिव जंतुओं को बनाने वाला अल्लाह भगवान अपने ही बच्चो को मारने का आदेश कैसे दे सकता है?
मुसलमान कुं गाय बखी, हिन्दू खाया सुर ।
गरीबदास तुम दोनवों से, वो राम रहीम दूर ।।
कबीर-कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जो मान हमार।
जा गला तुम काटि हो, सो फिर काटै तुम्हार।
जीव हिंसा करे,प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है। एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव परमात्मा की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति कैसे होगी? जब इंसान अपने बच्चे को नही मार सकता तो इस सभी जिव जंतुओं को बनाने वाला अल्लाह भगवान अपने ही बच्चो को मारने का आदेश कैसे दे सकता है?
मुसलमान कुं गाय बखी, हिन्दू खाया सुर ।
गरीबदास तुम दोनवों से, वो राम रहीम दूर ।।
कबीर-कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जो मान हमार। जाका गला तुम काटि हो, सो फिर काटै तुम्हार।
जो जीव हिंसा करते हैं उससे बड़ा पाप नहीं है। जीव हत्या करने वाले वे करोड़ो जन्म शेर, भेड़िया और साँप के पाते हैं। माँसाहारी महापापी और नरक के भागी होते हैं। उनकी मुक्ति नही हो सकती।
देखिये साधना टीवी चैनल 7:30 बजे
Bible :
परमात्मा ने हम मनुष्यों के खाने के लिए फलदार वृक्ष तथा बीजदार पौधे दिए हैं, मांस खाने का आदेश नहीं दिया। पवित्र बाइबल में उत्पत्ति 1:29 पर फिर परमेश्वर ने कहा सुनो जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर है और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं वे सब मेंने तुम को दिए हैं वह तुम्हारे भोजन के लिए हैं।
कभी सोचा है कि, अगर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति होती, तो सबसे पहले मांसाहारी जानवरों को होती, जो केवल मांस ही खाते हैं।
मांस खाकर आप परमात्मा के बनाएं विधान को तोड़कर परमात्मा के दोषी बन रहे हो। ऐसा करने वाले को नर्क में डाला जाता है।
जीव हिंसा करे,प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है। एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव परमात्मा की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति कैसे होगी? जब इंसान अपने बच्चे को नही मार सकता तो इस सभी जिव जंतुओं को बनाने वाला अल्लाह भगवान अपने ही बच्चो को मारने का आदेश कैसे दे सकता है?
मुसलमान कुं गाय बखी, हिन्दू खाया सुर ।
गरीबदास तुम दोनवों से, वो राम रहीम दूर ।।
कबीर-कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जो मान हमार।
जा गला तुम काटि हो, सो फिर काटै तुम्हार।
जीव हिंसा करे,प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है। एक तरफ तो आप भक्ति करते हो, और दूसरी तरफ आप बेजुबान निर्दोष जानवरों की हत्या कर उनका मांस खाते हो। सभी जीव परमात्मा की प्यारी आत्मा है, तो फिर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति कैसे होगी? जब इंसान अपने बच्चे को नही मार सकता तो इस सभी जिव जंतुओं को बनाने वाला अल्लाह भगवान अपने ही बच्चो को मारने का आदेश कैसे दे सकता है?
मुसलमान कुं गाय बखी, हिन्दू खाया सुर ।
गरीबदास तुम दोनवों से, वो राम रहीम दूर ।।
कबीर-कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जो मान हमार। जाका गला तुम काटि हो, सो फिर काटै तुम्हार।
जो जीव हिंसा करते हैं उससे बड़ा पाप नहीं है। जीव हत्या करने वाले वे करोड़ो जन्म शेर, भेड़िया और साँप के पाते हैं। माँसाहारी महापापी और नरक के भागी होते हैं। उनकी मुक्ति नही हो सकती।
देखिये साधना टीवी चैनल 7:30 बजे
0 comments:
Post a Comment