संवत 1398 जेष्ठ शुद्धि पूर्णमासी को परमात्मा कविर्देव (कबीर साहब) काशीमे कमल के फूल पर प्रकट हुए , अष्टानंद ऋषि गवाह है परमात्मा कबीर जी काशीमे बालक रूप में प्रकट हुए ।
परमात्माकी परवरिश की लीला कुंवारी गौवों के दूध से होती है परमात्मा25 दिन तक कुछ भी खाये नही, उसके बाद कुंवारी गाय के दुध से परवरिश हुई इसका वेद भी समर्थन देते है, भगवान जब यहा लीला करने आता है उनकी परवरिश कुंवारी गौवों से होती है
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम् सोममिन्द्राय पातवे
पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारकर स्वयं प्रकट होता उस समय कंवारी गाय दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।
परमात्माकी परवरिश की लीला कुंवारी गौवों के दूध से होती है परमात्मा25 दिन तक कुछ भी खाये नही, उसके बाद कुंवारी गाय के दुध से परवरिश हुई इसका वेद भी समर्थन देते है, भगवान जब यहा लीला करने आता है उनकी परवरिश कुंवारी गौवों से होती है
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम् सोममिन्द्राय पातवे
पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारकर स्वयं प्रकट होता उस समय कंवारी गाय दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।
कबीर साहबने दामोदर सेठके समुन्दर के तूफान मे फसा हुआ जहाज को बचाया अंदर के सभी लोगोंको सुरक्षित पहुचाया।
कबीरसाहब ने मुस्लिम पिर शेख तकी के मरी हूई बेटी को कबरसे निकालकर जिवीत किया
कबीर साहेब ही पुर्ण परमात्मा है ।
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